झारखंड की स्वीकृत आईएएस संवर्ग क्षमता दिसंबर 2024 तक 224 पदों की है। वर्तमान में 158 अधिकारी सेवा में हैं, आगामी प्रोन्नति से यह संख्या बढ़कर 173 हो जाएगी, फिर भी 51 पदों का अंतर होगा। यह कमी राज्य की प्रशासनिक मांगों को पूरा करने के लिए निरंतर भर्ती और प्रोन्नति की आवश्यकता को रेखांकित करती है। ये प्रोन्नति राज्य द्वारा अपने रैंक के भीतर से योग्य अधिकारियों की पहचान करके और उन्हें प्रोन्नति देकर अपनी प्रशासनिक मशीनरी को मजबूत करने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। झारखंड के संयुक्त श्रमायुक्त, न्यूनतम मजदूरी के निदेशक और कोल्हान के उप श्रमायुक्त राजेश प्रसाद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में प्रोन्नति दी गई है। संभावना है कि अगले सप्ताह तक अधिसूचना जारी हो जाएगी। प्रोन्नति की सूचना मिलते ही कई श्रमिक नेताओं ने उन्हें गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। राजेश प्रसाद बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) के 41वें बैच के राज्य श्रम सेवा संवर्ग के अधिकारी हैं। उनकी पहली पोस्टिंग 1999 में धनबाद में श्रम अधीक्षक के पद पर हुई थी। राजेश प्रसाद श्रम विभाग में एक तेज तर्रार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। इसी का नतीजा है कि धनबाद में श्रम अधीक्षक के पद पर पहली पोस्टिंग के बाद उन्हें सहायक श्रमायुक्त के पद पर पदोन्नत किया गया। उसके बाद उप श्रमायुक्त, फिर संयुक्त श्रमाधीक्षक और अब भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति का सफर तय करने का समय आ गया है। इस बीच वे बोकारो के उप श्रमायुक्त के पद पर भी काम कर चुके हैं। उनकी सफलता उनके काम के प्रति समर्पण से मिली है, जिसका सबूत उनका प्रमोशन ग्राफ है जो बताता है कि कैसे उन्हें अपने काम के लिए लगातार पदोन्नति मिलती रही।