बोकारो के चिन्मय स्कूल को नाबेट से मिली मान्यता, झारखंड में अकेला

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पूरे देश में सिर्फ 19 स्कूलों को मिली है यह मान्यता

बोकारो के चिन्मय विद्यालय को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (नाबेट) से मान्यता मिल गई है. यह उपल्धि हासिल करने वार चिन्मय विद्यालय झारखंड का पहला और एकमात्र स्कूल है. नाबेट ने पूरे भारत में सिर्फ 19 स्कूलों को मान्यता दी है. यह जानकारी सेक्टर 5 स्थित स्कूल प्रांगण में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में स्कूल प्रबंधन ने दी. प्रेसवार्ता में नाबेट द्वारा स्कूल को कुरियर से भेजा गया सर्टिफिकेट खोल उसका लोकार्पण किया गया. स्कूल समिति के अध्यक्ष और चिन्मय शिक्षा सेल के पूर्वी क्षेत्र के निदेशक विश्वरूप उपाध्याय ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि नाबेट की मान्यता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है. स्कूल सचिव महेश त्रिपाठी ने विश्वरूप उपाध्याय के नेतृत्व और मान्यता प्रक्रिया की निगरानी के लिए उनकी प्रशंसा की.

हमारे लिए मील का पत्थर: प्रिंसिपल

प्रिंसिपल सूरज शर्मा ने कहा कि चिन्मय विद्यालय न केवल झारखंड का पहला स्कूल है, बल्कि नाबेट मान्यता प्राप्त करने वाले कुछ राष्ट्रीय संस्थानों में से एक है. यह मील के पत्थर के समान है. उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल को ब्रिटिश काउंसिल और सीबीएसई ने न्यू जेनरेशन स्कूल के रूप में मान्यता दी है, जिससे इसकी प्रतिष्ठा में और इजाफा हुआ है. यह मान्यता स्कूल के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. प्रेस वार्ता में स्कूल समिति के अध्यक्ष विश्वरूप उपाध्याय, स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती, उप प्राचार्य नरमेंद्र कुमार, आरएन मल्लिक, सचिव महेश त्रिपाठी, मानव संसाधन विकास विभाग प्रमुख सुप्रिया चौधरी, स्कूल के पीआरओ संजीव कुमार, रणविजय ओझा आदि उपस्थित थे.

 

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