मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना अब कोर्ट पहुंच गया है। योजना पर रोक लगाने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। सिमडेगा निवासी विष्णु साहू ने अपने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से यह याचिका दाखिल की है।
याचिका में दलील दी गयी है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा की मुफ्त में किसी को कुछ नहीं दिया जा सकता। यह चुनावी योजना है, इसलिए इस पर रोक लगानी चाहिए।अगले दो-तीन माह में झारखंड विधानसभा का चुनाव होना है। सरकार ने मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह की योजना लाई है।
ऐसी योजना मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है।मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत, अगर किसी परिवार में तीन महिलाएं और बुजुर्ग सदस्य हैं, तो उन्हें सरकार सालाना 60 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इतना ही नहीं, अगली बार सरकार बनने पर इस राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति परिवार करने का भी वादा किया गया है। सरकार का दावा है कि इस योजना से अब तक 42 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह योजना पूरी तरह से चुनावी लाभ के लिए लाई गई है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन करती है, इसलिए इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए।विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना हेमंत सोरेन सरकार के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। कुछ दिन पहले इस योजना को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि करार देते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि मात्र 14 से 15 दिनों में प्रति माह एक हजार रुपये देने के लिए राज्य भर में 42 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ने का काम किया गया है।