सुंदर-सुंदर महिलाएं सूरजपाल को नहलाती थी

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लड़कियों की ही थी आश्रम में इंट्री, सूरजपाल को लेकर चौकाने वाले दावे

सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में जब से हादसा हुआ है। बाबा को लेकर एक से बढ़कर एक चौकाने वाली जानकारी आ रही है। हिंदू धर्मगुरु साध्वी विश्वरूपा ने दावा किया कि सूरजपाल अपने आश्रम में सिर्फ सुंदर महिलाओं को एंट्री देता था जो उसे दूध से नहलाती थीं। उन्होंने दावा किया कि उसी दूध से बनाई गई खीर को बाबा के भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता था.। विश्वरूपा ने दावा किया है कि वह सिर्फ सुंदर महिलाओं को छांट-छांटकर अपने पास रखते थे. आश्रम के आसपास रहने वाले लोगों का बयान है कि वह सुंदर महिलाओं को अपने पास रखते थे. वो उन्हें नहलाती थीं, दूध से नहलाती थीं. वह दूध पाइप के द्वारा जाता था और उसकी खीर बनाकर सभी भक्तों में प्रसाद दिया जाता था.

अपने प्रवचन में वह ‘मानवता’ और ‘सत्य की खोज’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते थे.

सबसे बड़ी मानवता तो उन्होंने वहीं पर दिखा दी जब उनके सामने ही भगदड़ मच रही थी, लोग कुचले जा रहे थे और वह वहां से भाग गए. मोबाइल भी वहां बैन था, वीडियो बनाना भी बैन था, किसी को जानकारी नहीं थी। लड़कियों को ही आश्रम में प्रवेश की इजाजत सहजपुर गांव के लोगों ने बताया कि बाबा के इस आश्रम में गांव के लोगों को आने-जाने से रोक दिया जाता था. बाहर के ही लोग और श्रद्धालु को आश्रम में आने की अनुमति थी. सहजपुर गांव के लोगों ने बाबा के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जो हाथरस में 121 लोगे की जान गई हैं, उसका जिम्मेदार बाबा ही है. उसको जेल होनी चाहिए. बाबा गांव के लोगों को आश्रम में प्रवेश नहीं देता था और लड़कियों को ही आश्रम में प्रवेश की इजाजत थी. आश्रम के अंदर क्या होता है, यह किसी को नहीं बताया जाता था. लोगों ने कहा अगर बाबा दोषी नहीं है, तो उनको जनता के सामने आना चाहिए और जो घटना हुई है, उन पीड़ित लोगों की सहायता करनी चाहिए.

जमीन पर कब्जा का आरोप जिस व्यक्ति ने आश्रम के लिए जमीन बेची थी उसने बाबा पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा मैंने यह डेढ़ बीघा के क़रीब जमीन बिक्री की थी. जिसपर आश्रम बनाया गया है और इसके सामने जो कुछ हिस्सा है. उसपर बाबा के सेवेदार का कमरा बना हुआ है, वह मेरी जमीन है. जिसको बाबा ने जबरन कब्जा लिया था. यह जमीन साल 2008- 09 के क़रीब मैंने बाबा की कमेटी के लोगों को बेची थी. साल 2010 के क़रीब इसपर आश्रम बनने का काम चालू हुआ था.

 

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