मां राजराजेश्वरी महालक्ष्मी महायज्ञ का हो रहा भव्य आयोजन/Grand celebration of Maa Rajarajeshwari Mahalakshmi Maha Yagya with kalash yatra #Bokaro#Jharkhand

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मां राजराजेश्वरी महालक्ष्मी महायज्ञ का हो रहा भव्य आयोजन

बोकारो में इस वर्ष मां राजराजेश्वरी महालक्ष्मी महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह महायज्ञ न केवल आध्यात्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय सनातन परंपरा के वैदिक स्वरूप को पुनर्जीवित करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। महायज्ञ की शुरुआत प्रातः 6:00 बजे सूर्य मंदिर से दामोदर ब्रिज तक की भव्य कलश यात्रा से होगी। इस पवित्र यात्रा में वैदिक ब्राह्मणों, साधु-संतों और हजारों श्रद्धालु भक्तों की सहभागिता रहेगी।

कलश यात्रा और पवित्र स्नान

भक्तों का समूह 4 एफ सूर्य मंदिर प्रांगण से प्रारंभ होकर दामोदर नदी तक पहुंचेगा। दामोदर नदी, जिसे भारतीय इतिहास में एक पवित्र नदी माना गया है, में विशेष वैदिक मंत्रों के साथ जल अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इसके उपरांत वरुण कलश पूजन का आयोजन किया जाएगा, जो भारतीय वैदिक परंपरा में जल तत्व की शुद्धता और दैवीय ऊर्जा को संजोने का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर कीर्तन मंडली, रथ, हाथी-घोड़े और अन्य भक्तगण गाजे-बाजे के साथ यज्ञ मंडप की ओर प्रस्थान करेंगे।

महायज्ञ की परंपरा और इतिहास

भारतीय सनातन धर्म में यज्ञ का विशेष महत्व है। ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद में यज्ञ को समस्त विश्व की समृद्धि और कल्याण का आधार माना गया है। इतिहास में वर्णित है कि प्राचीन काल में राजा-महाराजाओं द्वारा महायज्ञों का आयोजन किया जाता था, जिससे राष्ट्र की उन्नति और सामाजिक एकता को बल मिलता था। महालक्ष्मी यज्ञ विशेष रूप से समृद्धि, धन और वैभव की प्राप्ति हेतु किया जाता है। यह यज्ञ न केवल वैदिक अनुष्ठान का स्वरूप है, बल्कि भक्तों को आध्यात्मिक रूप से जागरूक करने और जीवन के श्रेष्ठ मार्ग की ओर प्रेरित करने का साधन भी है।

यज्ञ मंडप और देवी भागवत कथा

महायज्ञ स्थल पर पहुंचने के उपरांत ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ मंडप की वेदी का निर्माण किया जाएगा। इसके पश्चात देवी भागवत कथा प्रारंभ होगी, जिसे प्रसिद्ध कथावाचक व्यास डॉक्टर श्रीधर ओझा जी के सान्निध्य में आयोजित किया जाएगा। 19 मार्च को पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, अग्नि प्रज्वलन और वेदी पूजन के साथ महायज्ञ की विधिवत शुरुआत होगी। इस दिन विशेष रूप से मां राजराजेश्वरी की सहस्त्रार्चना, ब्राह्मणों के सत्कार और यजमानों को यज्ञ नियमों का संकल्प दिलाया जाएगा।

रात्रि जागरण और भक्ति संध्या

रात्रि 6:15 बजे देवी भागवत कथा का शुभारंभ होगा, जो रात 9:30 बजे तक चलेगा। इसके उपरांत रात्रि 12:00 बजे तक मां भगवती का भव्य जागरण होगा, जिसमें कीर्तन मंडलियों द्वारा संगीतमय भजनों की प्रस्तुति की जाएगी। यह संपूर्ण आयोजन भक्तों के लिए एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगा।

महायज्ञ के प्रमुख यजमान और सहभागिता

इस आयोजन में प्रमुख यजमान कृष्ण कांत त्रिपाठी, नितिन त्रिपाठी, शैलेन्द्र कुमार तिवारी, विमलेश पांडेय, विजय उपाध्याय, ममता प्रियदर्शी, प्रमोद सिंह, रौशन कुमार, प्राची त्रिपाठी, अंबिका त्रिपाठी, विमल चंद्रा, अजय गुप्ता, प्रत्यूष कुमार, डॉ. परमानंद चंद्रवंशी, विजय तिवारी, ओमकार तिवारी, राजीव पांडेय और लालाट इंदु मिश्रा सहित अनेक श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहेंगे।
मां राजराजेश्वरी महालक्ष्मी महायज्ञ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है। यह आयोजन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति, मानसिक सुकून और समाज में एकता का संदेश देता है। अतः सभी भक्तों से निवेदन है कि वे इस दिव्य और अलौकिक आयोजन में भाग लें और अपने जीवन को धर्ममय एवं सफल बनाएं।