झारखंड में पारा व गैर पारा शिक्षकों की काउंसिलिंग में परेशानी आ रही है. शिक्षा विभाग के पत्र से अभ्यर्थी नाराज हैं.
उनका कहना है कि अगर शिक्षा विभाग कोर्ट के फैसले के अनुसार काउंसिलिंग शुरू नहीं करता है को वे हाईकोर्ट जाने को मजबूर होंगे.
झारखंड में पारा-गैर पारा शिक्षकों को स्थायी करने की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू कर दी गई है. हाईकोर्ट के आदेश पर झारखंड सरकार ने 2015 में जारी विज्ञापन के आधार पर रिक्त पदों को भरने के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इसमें अभी भी पेच फंसा हुआ है.
शिक्षा विभाग की ओर से सभी डीईओ को जारी पत्र के अनुसार काउंसिलिंग में प्राप्त अंकों का कट ऑफ 2019 के आधार पर रखा गया है. पारा शिक्षक इसे हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना मानते हुए एक बार फिर हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. पारा शिक्षक संघ के नेता प्रमोद कुमार का कहना है कि अगर शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो कोर्ट जाना मजबूरी होगी.
पारा शिक्षकों को करना होगा आवेदन
पारा-गैर पारा शिक्षकों की काउंसिलिंग के लिए आवेदन देना होगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के माध्यम से 22 जुलाई तक आवेदन जमा किए जाएंगे. इसके बाद 31 जुलाई तक काउंसलिंग की सूची जारी कर दी जाएगी. काउंसलिंग की संभावित तिथि एक अगस्त है. काउंसलिंग के बाद सात अगस्त को अंतिम चयन सूची जारी कर दी जाएगी. जिला स्तर पर इंटर स्तरीय पारा व गैर पारा तथा स्नातक स्तर पर कोटिवार व विषयवार पारा व गैर पारा पदों पर नियुक्ति की जाएगी.
जानकारी हो की झारखंड उच्च न्यायालय के आदेशानुसार झारखंड प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के आधार पर अंतिम काउंसलिंग के तहत सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के बाद रिक्त रह गए पदों पर काउंसलिंग की जानी है, जिसके लिए वर्ष 2015 में जारी विज्ञापन के आधार पर रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.