अंग्रेजी बोलना सीखिए
जी हाँ !! बोलने से होगा !!
आज हम उस युग में हैं जहाँ सबकुछ, बोलने से होगा !!
अंग्रेजों ने हमें आजादी दी। हम तो गुलाम थे , थे की नहीं ? याद कीजिये हम आज भी 15 अगस्त 1947 को याद करते हुए सरकारी छुट्टी का मज़ा लेने के साथसाथ थोड़ा बहुत स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों को नमन कर लेते हैं। वो तो जिनको ज्ञान है उनके लिए वरना बहुतों को तो हमने देखा है एक दिन एडवांस में दारु वो भी अंग्रेजी वाला , साला पिने में थोड़ा मीठा ज़रूर लगता है लेकिन सिरकेल में अपना स्टेटस ऊंचा हो जाता है। मज़े के बात तो ये है की सब हाँ में हां मिलाते हुए नज़र आते हैं बाकी जो विद्रोह करेगा वो पिटेगा।
और एक केस की शुरुआत हो जाएगी। सिस्टम अंग्रेजी है बोलिये अंग्रेजी! अंग्रेजी आती है तो काम बनेगा सिर्फ लिखने से या फिर वात्सप्प चैट में थोड़े में निपटा के करना क्या है मुलाकात तो हिंदी में ही करनी है तो ये जान लें ये लेख आपके लिए नहीं है।
यहाँ बात हो रही है अंग्रेजी बोलने की लिखने की नहीं ,ये आपके साथ हमारे साथ सबके साथ हो सकता है।
लिखने में ग्रामर की मिस्टेक और बहुत सारे शब्दों की हेराफेरी दिखाई दे सकती है।
हमे अंग्रेजी बोलना आना चाहिए ,आखिर आज विश्व में ज्यादातर लोग अंग्रेजी बोल लेते हैं।
मार्केट अंग्रेजी से हिंदी में हो जाए तो सबको दिक्कत आएगी क्योंकि विस्व में अनेकों भाषाएँ बोली जाती हैं आप भी किसी एक भाषा से संपन्न होंगे जो आपकी प्रादेशिक होगी। इसमें संशय नहीं है सब व्यापार का अकाउंट्स ज्यादातर अंग्रेजी में ही लिखा जाता है या रिकॉर्ड लिखा जाता है।
ठीक है यहाँ लिखा जाता है तो यहाँ टेक्निकल अंग्रेजी चलता है उन महत्वाकांक्षी लोगों ने कभी ये सोचा की प्रोफेशनल कोर्स में एड्मिसन के बाद कभी उनको विदेश भी जाना चाहिए तो वहां घूमने में लुत्फ़ भी अंग्रेजी में ही मिलेगा ,
विदेशी फ्रेंड्स के साथ बिज़नेस करने का तरीका भी अंग्रेजी में बात करने से ज्यादा बढिया हो सकता है।
हम भारतभूमि के लोग हिंदी का विकास करना चाहते हैं लेकिन इसका अर्थ ये न हुआ की अपने जैसा ही सारे संसार को बनाना चाहते हैं।
मेडिकल साइंस आज बहुत तरक्की कर चुका है , कहीं न कहीं हम आयुर्वेद को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं जो की कदापि गलत नहीं है। लेकिन आयुर्वेद के डाक्टर के पास अपना प्रचार करने की शक्ति नहीं हो सकती क्योंकि ये तो वरदान से प्राप्त है जो की ज्ञानियों को प्राप्त होती है, और वो दान में लिया वरदान दान देने में ही विस्वास करते होंगे अन्यथा जीविकोपार्जन लेते हैं वस्तुतः कहीं न कहीं ये देखा गया है।
सभी दावा करदें की वो आयुर्वेद का सफल डाक्टर है, तो परीक्षा लेने वाले मरीजों की लाइन लग जायेगी, जिनकी बिमारी ठीक न हुई तो आपको हो सकता है फरेबी भी कहके बदनाम करने की कोशिश भी करें।
इससे तो अच्छा है और प्रचलित अंग्रेजी दवाओं के डाक्टर पर भरोषा कर अपने आपको उनके हवाले कर देते हैं।
दुनियां के किसी भी कोने में जाइये अंग्रेजी प्रभावित करेगी ही।
तो क्यों न हम भी अंग्रेजी बोलना काम से ही सही, बोलना सीखें। अपने कैरियर को सही दिशा दें , अपने व्यापार को आगे की दिशा देने के लिए उपाए करें, हमें जरुरत है:- अपने विकास की, साथ में सबके विकास की, और सबके साथ की।
अपने कैरियर के दौरान मैंने कई अच्छे समय को इंजॉए किया और कई गहराइयों से अपने आपको निकाला। ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा अपने बारे में, लेकिन इतना ही सार है जीवन का- की वो पल जो विदेशियों के साथ हमने बिताये थे कहना नहीं भूलूंगा !!अविश्मरणीय थे !!
और अंत में “हाँ मैं अंग्रेजी सिखाना चाहता हूँ उन सबको जो सीखना चाहते हैं ,लेकिन केवल बोलना ही सिखाऊंगा लिखना अपने आप देखो और सीखो बाकी आपका लक/नसीब