डीजीपी ने झारखंड हाईकोर्ट की तर्ज पर सभी जिला न्यायालय परिसर में विजिटर मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने के लिए जैप आई.टी से समन्वय स्थापित करने को कहा है. साथ ही सभी कोर्ट परिसर के प्रवेश और निकास द्वार पर पदाधिकारी के साथ सशस्त्र पुलिसकर्मी को प्रतिनियुक्त किया जाएगा.
समीक्षा के दौरान डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि सभी न्यायिक दंडाधिकारी के आवासीय परिसर में सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. साथ ही सभी कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाकर विशेष निगरानी सुनिश्चित करना है.
डीजीपी ने कहा है कि अभियुक्तों को फिजिकल मोड के बजाए वीसी के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत कराने पर बल देना है ताकि किसी तरह की सुरक्षा चूक ना हो. कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को नियमित रुप से बदलना है. डीजीपी ने निर्देश दिया है कि सभी डीआईजी माह में एक बार न्यायाधीशों के आवासीय परिसरों के प्रवेश और निकास द्वार पर सुरक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण करेंगे.
उन्होंने आवासाय परिसरों में मोर्चा का निर्माण सुनिश्चित कराने को भी कहा है. इस दौरान पुलिसकर्मियों को कैंपस क्षेत्र में बाइक और चार पहिया वाहन से समय समय पर गश्ती करने को कहा है. डीजीपी ने निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के आने-जाने वाले रुट पर अवैध पार्किंग गलत दिशा में चलने वाले वाहनों को रोकने और हाट बाजार के पास अवैध पार्किंग पर रोक सुनिश्चित कराने को कहा है.
बैठक में एडीजी अभियान संजय आनंदराव लाटकर, एडीजी प्रशिक्षण सुमन गुप्ता, आईजी असीम विक्रांत मिंज, पंकज कम्बोज, रांची के ट्रैफिक एसपी, स्पेशल ब्रांच के एसपी समेत सभी रेंज के आईजी, डीआईजी और एसएसपी/एसपी जुड़े थे.