मंत्री जी ने जीजा की मौत के बाद साला को बना दिया रजिस्ट्रार, योग्यता का पता नहीं, नियुक्ति के बाद योग्यता जांचने बनी कमेटी, सरयू राय बोले, चुनावी फंड जुटा रही कांग्रेस/After the death of brother-in-law, the minister appointed his brother-in-law as the registrar, his qualification is not known, a committee was formed to check his qualification after the appointment, Saryu Rai said#jharkhand

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मंत्री जी ने जीजा की मौत के बाद साला को बना दिया रजिस्ट्रार, योग्यता का पता नहीं, नियुक्ति के बाद योग्यता जांचने बनी कमेटी, सरयू राय बोले, चुनावी फंड जुटा रही कांग्रेस
रांची। फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार की नियुक्ति में बड़ी गड़बड़ी का आरोप सरयू राय ने लगाया है। विधानसभा में अपने भाषण के दौरान सरयू राय ने कहा कि फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार पद पर ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से की गयी है, जिसकी योग्यता का ही पता नहीं है। सदन में सरयू राय ने यहां तक कह दिया, कि ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति कर स्वास्थ्य मंत्री ने चुनावी चंदा तो एकत्रित नहीं किया है। सरयू राय ने एक परिपत्र भी दिखाया है।
सरयू राय ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा कहीं हुआ है, जहां किसी व्यक्ति को किसी पद के लिए नियुक्त किया गया और फिर एक कमेटी बना दी गयी, कि जिसे नियुक्त किया गया है, वो योग्य है या नहीं? इसकी जांच की जाये। जबकि, रांची में फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार बनने के लिए 17 लोगों ने आवेदन दिया था। जिसमें पीएचडी, एमफिल, एमएड किये हुए भी लोग थे। लेकिन उन सबको दरकिनार कर ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रार बना दिया गया, जिसकी योग्यता का ही किसी को पता नहीं है।
हमेशा सुर्खियों में रहा फार्मेसी काउंसिल शुरुवाती दौर में रांची में फार्मेसी ट्रिब्यूनल का गठन किया गया। उस समय भी उसके रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार थे और काउंसिल के गठन के बाद भी उस पद पर कौशलेंद्र कुमार ही जमे रहे। भले हीं कहने को ये पद पर जाने के लिए काउंसिल के रजिस्टर्ड मेंबर के बीच चुनाव प्रक्रिया अपना कर मिलती हो पर अपनी पहुंच बल का उपयोग कर कौशलेंद्र कुमार शुरू झारखंड गठन से लेकर अब तक पिछले 18 वर्षों से रजिस्ट्रार के पद पर बने रहे।
कुछ महीने पूर्व उनकी मौत हो गई जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कौशलेंद्र कुमार के साला राहुल कुमार को काउंसिल का रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया। जबकि काउंसिल में उपाध्यक्ष से लेकर सदस्यों की लंबी लिस्ट है। सूत्रों की माने तो कौशलेंद्र कुमार अपने साला राहुल कुमार को कुछ खास काम के लिए हीं काउंसिल में एंट्री कारवाई थी। कौन है राहुल कुमार 18 साल से झारखंड फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार रहे थे। कुछ महीने पहले ही कौशलेंद्र कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गयी। जिसके बाद फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार का पद खाली हुआ, तो स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कौशलेंद्र कुमार के साले राहुल कुमार को फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया। सरयू राय ने कहा कि इस काम में करोड़ों रुपये के वारा न्यारा हुआ है। ऐसे में कोई रजिस्ट्रार योग्य है या नहीं, इसकी जांच करने वाली कमेटी क्या करेगी।
जानिए कहां-कहां बनेंगे कांग्रेस के चुनावी फंडा इकट्ठा करने के लिए हुई नियुक्ति सदन के अंदर सरयू राय ने बेहद ही गंभीर आरोप स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर लगाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से 17 योग्य लोगों को दरकिनार कर एक ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रार बनाया गया, जिसकी योग्यता का ही पता नहीं है, वैसे व्यक्ति की नियुक्ति पर संदेह है। क्या ये कांग्रेस के चुनावी चंदा इकट्ठा करने का प्लान है?

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