देवी आराधना से स्वर्ग का निर्माण: यज्ञ के चौथे दिन की दिव्यता/Creation of Heaven by Goddess Worship: Divinity of the Fourth Day of Yagna #Bokaro#Jharkhand

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देवी आराधना से स्वर्ग का निर्माण: यज्ञ के चौथे दिन की दिव्यता

बोकारो : बोकारो सूर्य मंदिर प्रांगण में मां राजराजेश्वरी महालक्ष्मी के तत्वावधान में आयोजित भव्य यज्ञ के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने माँ भगवती की विशेष आराधना और हवन किया। इस दिव्य आयोजन में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था। आचार्य डॉ. श्रीधर ओझा ने यज्ञ मंडप में देवी शक्ति की महिमा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे देवी भगवती की कृपा से पृथ्वी का संतुलन बना रहता है और वैकुंठ, कैलाश एवं स्वर्ग का निर्माण संभव हुआ।

भगवान विष्णु द्वारा अंबा यज्ञ का अनुष्ठान

यज्ञ के दौरान भगवान विष्णु ने अंबा यज्ञ का अनुष्ठान किया। इस अनुष्ठान से माँ भगवती प्रकट हुईं और उन्होंने भगवान विष्णु को आशीर्वाद प्रदान किया। इस दिव्य दर्शन के माध्यम से भगवान विष्णु को यह सिद्ध हुआ कि शक्ति ही ब्रह्मांड की मूल आधारशिला है।

भगवान शिव को भी देवी से शक्ति प्राप्त हुई, जिसके परिणामस्वरूप माता पार्वती के रूप में शक्ति का अवतरण हुआ। शिव के बिना शक्ति अधूरी है, और शक्ति के बिना शिव का अस्तित्व संभव नहीं है। इसी सत्य को प्रकट करने के लिए माँ भगवती ने शिव को पार्वती के रूप में शक्ति प्रदान की।

राजा सुदवन को आद्या शक्ति के दर्शन

इस पावन अवसर पर राजा सुदवन को आद्या शक्ति के दर्शन प्राप्त हुए। कहा जाता है कि यह दर्शन मात्र ‘क्ली मंत्र’ के जाप से संभव हुआ। इस मंत्र की शक्ति से राजा को यह अनुभूति हुई कि संपूर्ण सृष्टि देवी की शक्ति से ही संचालित होती है।

माण्डव ऋषि के तप के प्रभाव से धर्मराज को पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा और वे दासी पुत्र विदुर के रूप में अवतरित हुए। यह कथा इस तथ्य को उजागर करती है कि पृथ्वी पर संतुलन बनाए रखने के लिए देवी भगवती के आदेशानुसार दिव्य शक्तियां समय-समय पर अवतरित होती हैं।

काशी में माँ दुर्गा का आशीर्वाद

इस दिव्य यज्ञ में काली नरेश सुवाह को माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उन्हें यह वरदान मिला कि वे सदा के लिए काशी में विराजमान रहेंगे और वहाँ माँ दुर्गा की कृपा सदैव बनी रहेगी। काशी को इसीलिए मोक्ष नगरी कहा जाता है क्योंकि यहाँ माँ भगवती का साक्षात् वास है।

यज्ञ में श्रद्धालुओं की दिव्य अनुभूति

यज्ञ के चौथे दिन हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। माँ भगवती की कृपा से भक्तगण भक्ति रस में लीन होकर आध्यात्मिक अनुभूति का आनंद प्राप्त कर रहे थे। पूरे यज्ञ मंडप में देवी के जयकारे गूंज रहे थे और वातावरण भक्तिमय हो गया था।

देवी शक्ति की महिमा का गुणगान करते हुए आचार्य श्रीधर ओझा ने कहा कि इस यज्ञ का उद्देश्य संपूर्ण सृष्टि में संतुलन स्थापित करना और भक्तों को माँ भगवती की कृपा प्राप्त कराना है। देवी कृपा से यह यज्ञ सफल हो रहा है और आने वाले दिनों में इसकी दिव्यता और अधिक बढ़ेगी।

आने वाले दिनों में यज्ञ का विशेष महत्व

यज्ञ के अगले दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे, जिनमें देवी महालक्ष्मी, माँ सरस्वती और माँ काली की विशेष पूजा होगी। श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए विद्वान आचार्यों द्वारा हवन, कथा और प्रवचन किए जाएंगे।

बोकारो सूर्य मंदिर प्रांगण में जारी इस दिव्य आयोजन में दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और माँ भगवती की कृपा से अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं। यह यज्ञ देवी शक्ति की महिमा का साक्षात् प्रमाण है और भक्तों के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा है।