पुलिस और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़, 12 नक्सली हुए ढेर, SI समेत दो 2 पुलिसकर्मी घायल, सरकार ने दिया 51 लाख का ईनाम

Spread the love

SI व जवान घायल

पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ में आज जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने जहां 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया है, वहीं SI समेत दो जवान घायल हैं। घटना छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमा पर घटी है, जहां गढ़चिरौली पुलिस और माओवादियों के बीच आज बड़ी मुठभेड़ हुई। दोनो तरफ से घंटों चली गोलीबारी में दो जवान घायल हो गये। वहीं,12 माओवादी ढेर हो गये। सर्चिंग के दौरान कई स्वचालित हथियार बरामद हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह 10 बजे गढ़चिरौली से एक ऑपरेशन लॉन्च किया गया, जिसमें डिप्टी एसपी ऑप्स के नेतृत्व में 7C 60 पार्टियों को वंडोली गांव में छत्तीसगढ़ सीमा के पास भेजा गया, क्योंकि गांव के पास 12-15 नक्सलियों के डेरा डाले होने की विश्वसनीय जानकारी मिली थी। दोपहर में भारी गोलीबारी शुरू हुई और देर शाम तक रुक-रुक कर 6 घंटे से अधिक समय तक जारी रही> इलाके की सर्चिंग में अब तक 12 माओवादियों के शव बरामद हुए हैं।

अब तक 3 AK47, 2 INSAS, 1 कार्बाइन, 1 SLR समेत 7 ऑटोमोटिव हथियार बरामद किए गए हैं. मारे गए माओवादियों में टिपागड दलम के प्रभारी डीवीसीएम लक्ष्मण अत्राम उर्फ विशाल अत्राम की पहचान की गई है। माओवादियों की पहचान और इलाके की सर्चिंग जारी है। सी60 के एक एसआई और एक जवान को गोली लगी है। वे खतरे से बाहर हैं, उन्हें निकाल लिया गया है और नागपुर स्थानांतरित कर दिया गया है। गढ़चिरौली में नक्सालियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी के बाद महाराष्ट्रत के डिप्टी। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एनकाउंटर टीम में शामिल जवानों के लिए बड़ी घोषणा की है. फडणवीस ने मुठभेड़ में 12 नक्स लियों को मार गिराने वाले पुलिसकर्मियों को 51 लाख रुपये बतौर इनाम देने का ऐलान किया है. बता दें कि पुलिस और नक्स लियों के बीच तकरीबन 6 घंटे तक मुठभेड़ चली. जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ बुधवार दोपहर बाद शुरू हो गई थी, जो देर शाम तक चलती रही. इसमें पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है.

मारे गए नक्सलियों में एक की पहचान डीवीसीएम लक्ष्मण आत्राम उर्फ विशाल आत्राम, टिपागड़ दलम के प्रभारी की पहचान की गई है। अन्य माओवादियों की पहचान और इलाके की तलाशी जारी है।दरअसल, महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में छत्तीसगढ़ से लगती सीमा के पास यह एनकाउंटर हुआ। यह इलाका घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा है। इस कारण यहां नक्सली एक्टिव रहते हैं। घने जंगलों का उन्हें फायदा मिलता है और वे वारदात के बाद आसानी से फरार हो जाते हैं। कई बार वे गढचिरौली के इन्हीं जंगलों से होते हुए छत्तीसगढ़ में जा छिपते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *