गाजियाबाद में रहने वाली महिला के पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है. वह अपने दो बच्चों के साथ रहती थी. बेटे की मौत के बाद महिला और उसकी बेटी उसे सोता हुआ समझ शव के साथ रह रहे थे.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला और उसकी बेटी एक किशोर के शव के साथ सोती रही. उन्हें लगा कि बच्चा सो रहा है जबकि बच्चे की मौत हो चुकी थी.
किशोर के शव के साथ उसके परिजनों के रहने के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि लड़के की मौत फेफड़ों की पुरानी बीमारी के चलते सेप्टीसीमिया के कारण हुई थी.
महिला और उसकी बेटी गंभीर बीमारी से पीड़ित
पुलिस ने बताया कि लिंक रोड थाना क्षेत्र की एक कालोनी में एक महिला और उसकी बेटी गंभीर बीमारी से पीड़ित अपने 13 वर्षीय बेटे की मौत के बाद तीन दिनों से उसके शव के साथ रह रही थी. पुलिस ने मां बेटी को काफी समझाने बुझाने के बाद लड़के के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था.
सेप्टीसीमिया के कारण हुई बच्चे की मौत
पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार बालक की फेफड़ों की पुरानी बीमारी सेप्टीसीमिया के कारण मौत हो गई थी. साहिबाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रजनीश उपाध्याय ने मंगलवार को बताया कि रविवार सुबह पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली कि लिंक रोड थाने के चंद्र नगर कॉलोनी के एक फ्लैट से दुर्गंध आ रही है.
लगा कि वह सो रहा है
एसीपी ने बताया कि 13 वर्षीय तेजस का शव रविवार को जिले के लिंक रोड थाने के चंद्र नगर कॉलोनी के एक फ्लैट में मिला, जहां वह अपनी मां कोमल जैन (50) और बहन काव्या (22) के साथ रह रहा था. तेजस की मौत के बाद उसकी मां और बहन शव के पास बैठी रहीं क्योंकि उन्हें लगा कि वह सो रहा है.
बच्चे के पिता की कई साल पहले हो चुकी मौत
एसीपी ने बताया कि उसकी मां और बहन मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं. एक दशक पहले तेजस के पिता की टीबी के कारण मौत हो गई थी तब से तीनों बीमार थे. उन्होंने बताया कि लिंक रोड पुलिस वहां पहुंची तो पड़ोसियों ने बताया कि फ्लैट के अंदर एक महिला और उसकी बेटी मौजूद हैं.
मां बेटी की भी थी दयनीय हालत
पुलिस ने फ्लैट का बंद दरवाजा तोड़ा तो देखा कि लड़के का शव फर्श पर था और उसकी मां और बहन शव के पास बैठी थीं, लेकिन दोनों मां बेटी ने कहा कि तेजस सो रहा है. एसीपी उपाध्याय ने बताया कि घर में गंदगी थी और दोनों मां बेटी की भी दयनीय हालत थी. महिला की बेटी काव्या ने भी बीमारी के चलते 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.
महिला का भाई उठाता है खर्चा
दिल्ली के चावड़ी बाजार में रहने वाला महिला का भाई प्रशांत जैन उनका खर्च उठाता था. तीनों को फ्लैट की साफ-सफाई और अपने कपड़ों की भी कोई परवाह नहीं दिखी. एसीपी के मुताबिक, पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि वे हमेशा लाइट बंद रखते थे और कॉलोनी में किसी से बात नहीं करते थे.
पुलिस को शव उठाने से रोका
पुलिस ने जब नाबालिग का शव उठवाने की कोशिश की तो दोनों ने ऐसा करने से रोक दिया. बहरहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उन्होंने कहा कि शव पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं. उन्होंने बताया कि कल प्रशांत अपनी बहन कोमल और भतीजी काव्या को इलाज के लिए अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे.