जमशेदपुर में एक नवजात का जन्म पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है। बच्चे को जन्मजात दांत है।
मामला परसुडीह स्थित सदर अस्पताल का है. 11 जून को सरजामदा निवासी शिवा कारवा की पत्नी सुनीता देवी को प्रसव पीड़ा हुई. उसे सदर अस्पताल में भर्ती किया गया. फिर उसकी डिलीवरी करवाई गई। महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जैसे ही बच्चा रोने लगा, उसे देख अस्पताल स्टाफ के होश उड़ गए। नवजात के पहले से ही दो दांत निकले हुए थे। तुरंत उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। फिर नवजात शिशु का ऑपरेशन करके उसके दोनों दांतों को निकाला गया। हालांकि बच्चे की क्षेत्र में खूब चर्चा है। स्वास्थ्यकर्मियों के मुताबिक बच्चे ने पैदा होते ही रोना शुरू कर दिया। उसे देख डॉक्टर, नर्स और खुद बच्चे के परिवार वाले भी हैरान रह गए।
डॉक्टरों ने कहा ऑपरेशन करना पड़ेगा, जिसके बाद सर्जरी से डॉक्टरों ने बच्चे के दांतों को निकाल दिया। जानकारी के अनुसार अभी बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है. बच्चे की सर्जरी करने वाले एक डॉक्टर ने कहा कि ऐसे केस दुर्लभ होते हैं जो बहुत कम बच्चों में देखने को मिलते हैं। ऐसे केस में बच्चे का दांत निकाल दिया जाता है, ताकि मां को दूध पिलाने के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो।
शिशु में जन्म से ही दांत होना क्या सामान्य स्थिति है?
शिशु में होने वाली यह समस्या को आम नहीं कहा जा सकता है। इसके कारणों के आधार पर इसकी गंभीरता का पता लगाया जा सकता है। यदि बच्चे को गंभीर कारणों के चलते यह समस्या हुई है, तो इसका इलाज किया जाता है। जबकि, अगर कारण सामान्य है, तो इससे के स्वास्थ्य पर असर नहीं पड़ता है। लेकिन, समय रहते इन दांतों को निकालना जरूरी है या नहीं इस बारे में पूरी जानकारी डॉक्टर देते हैं। जिन बच्चों के जन्म से ही दांत होते हैं, उनको इन दांतों की वजह से जीभ में चोट लगने का जोखिम बना रहता है। इस समय शिशु बेहद छोटा होता है और वह अपनी दैनिक आदतों का अभ्यास कर रहा होता है। नेटल टीथ होने की वजह से शिशु को दूध पीने में परेशानी हो सकती है। इससे शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है। शिशु के कुछ नेटल टीथ में जड़े नहीं होती हैं, इससे वह कमजोर होते हैं। ऐसे में शिशु के द्वारा उन दांतों को निगलने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा ये दांत बच्चे के गले में भी फंस सकते हैं।